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Abhinav Lanjewar

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Tag: Hindi Poetry

बस अपना किरदार…

Posted on 28 April 202029 April 2020 by AbhinavLanjewar

पर्दे पर जब शाहरुख खान राज के और हृतिक अल्ताफ़ के किरदार में आते हैं,कभी सोचा है कि वो हमें इतना क्यों भाते हैं?शायद इसलिए कि वें उन ३ घंटों में सिर्फ अपना किरदार निभाते हैं,और फिर अपनी निजी जिंदगी में लौट जाते हैं। “हम सब रंगमंच की कठपुतली हैं” ऐसा हम सभी ने सुना…

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डरना नहीं है!

Posted on 21 April 202025 April 2020 by AbhinavLanjewar

सुनो दोस्तों एक बात कहनी थी, उसके बारे में जो एक दिन आया,और जिसने सारे किस्से-कहानियों के परे एक बात सिखाई है,के डरना नहीं है..लेकिन घर से बाहर निकलकर उसका सामना करना नहीं है। हर दिन मानो एक नया तूफान था।पढ़ाई-लिखाई वालों के इम्तहान,तो दफ्तर में क्या होगा इसका ना हमें अनुमान था।हमेशा हमसे हर…

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दिल कर रहा है…

Posted on 20 July 201625 April 2020 by AbhinavLanjewar

यादों की अलमारी को आज खोलने का दिल कर रहा है…जो यादों में हैं, उन्हें आंखों के सामने देखने का दिल कर रहा है…हस्ते हस्ते कुछ बताने का और रोते हुए कुछ पूछने का दिल कर रहा है…आज फिर उनसे मोहब्बत करने का दिल कर रहा है। उनसे दिल लगाना वैसे तो कोई भूल नहीं…

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एक सीख की बरसात…

Posted on 24 July 201525 April 2020 by AbhinavLanjewar

सीख और तालीम पाने बचपन से स्कूल कॉलेज जाता रहा,लेकिन कितना कुछ तो इस शहर की बरसात ने चंद घंटों में ही सिखा दिया। जोखिम में डाल दे ऐसी बारिश हो रही थी,और कुछ लोग अपनी छत को छोड़कर,छातों में छिपकर घर से बाहर निकल रहे थे।वही छत, जिसमें सुकून से जीने के लिए,वें हर…

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