यादों की अलमारी को आज खोलने का दिल कर रहा है…
जो यादों में हैं, उन्हें आंखों के सामने देखने का दिल कर रहा है…
हस्ते हस्ते कुछ बताने का और रोते हुए कुछ पूछने का दिल कर रहा है…
आज फिर उनसे मोहब्बत करने का दिल कर रहा है।
उनसे दिल लगाना वैसे तो कोई भूल नहीं थी…
गलती हालात की, थोड़ी उनकी और थोड़ी मेरी भी थी…
आज फिर वही गलतियां दोहराने का दिल कर रहा है,
आज फिर उनसे मोहब्बत करने का दिल कर रहा है।
दुनिया क्या कहेगी इस डर से जज़्बात दबा दिए मैंने…
जब आंखें नम हुई तो देखा ये दुनिया तो कुछ कहती है नहीं…
आज अपने अंदर की आवाज़ सुनकर दुनिया को ठोकर मार देने का दिल कर रहा है…
आज फिर उनसे… हां उन्हींसे मोहब्बत करने का दिल कर रहा है।